Ionization, PH value, corrosion and protection
आर्हीनियस की आयनिक थ्योरी को संक्षेप में स्पष्ट कीजिए ? आयनन-- जब किसी विद्युत अपघट्य को जल या किसी भी विलायक में घोला जाता है तो वह दो प्रकार के विद्युत आवेशित कणों में विभाजित हो जाता है, जिसे आयन कहते हैं। अणुओं के इस प्रकार आवेशित कणों में विभक्त होने की क्रिया को आयनन अथवा विद्युत अपघटनी वियोजन कहते हैं। महत्व :- इस सिद्धांत के अनुसार विद्युत अपघट्य विभिन्न आयोजनों में विघटित हो जाता है। इन विभिन्न आयोजनों को विभिन्न आवेश प्रदान करने में इस सिद्धांत का महत्वपूर्ण योगदान है। आर्हीनियस का विद्युत अपघटन या आयनीकरण सिद्धांत (arrhenius theory of electrolytic dissociation or ionization theory):- सन 1884 में आर्हीनियस ने आयनन सिद्धांत दिया विद्युत अपघटन ई योजन का सिद्धांत प्रस्तुत किया। सिद्धांत की मुख्य अवधारणा निम्नलिखित हैं-- विद्युत संयोजी, लवण विलियन में आयन उत्पन्न करते हैं। धन आवेशित आयन (positively charged ion) को धनायन तथा ऋण आवेशित (negatively charged ion) को ऋण आयन कहते हैं । आई नो पर वितरित प्रकृति का आवेश होने के कारण यह परस्पर आकर्षित होकर पुनः उ