Current affairs 06/09/2023


TathyaBaan / तथ्यबाण:
क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का एलान मंगलवार को हो गया है.

5 अक्तूबर से क्रिकेट वर्ल्ड कप भारत में खेला जाना है.

15 सदस्यीय भारतीय स्क्वॉड के कप्तान रोहित शर्मा रहेंगे और हार्दिक पांड्या उप-कप्तान होंगे.

टीम में शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, ईशान किशन, केएल राहुल, सूर्यकुमार यादव, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज और कुलदीप यादव होंगे.

वर्ल्ड कप पाँच अक्तूबर को शुरू होगा और फ़ाइनल 19 नवंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा.

मेज़बान भारत अपना पहला मैच आठ अक्तूबर को ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ चेन्नई में खेलेगा.

46 दिनों तक चलने वाली प्रतियोगिता के लिए 10 शहरों के स्टेडियम चुने गए हैं.

विश्व कप के लिए जो 10 शहर चुने गए हैं, वे हैं- हैदराबाद, अहमदाबाद, धर्मशाला, दिल्ली, चेन्नई, लखनऊ, पुणे, बेंगलुरू, मुंबई और कोलकाता.

इस विश्व कप में कुल 10 टीमें हिस्सा लेंगी.

ये विश्व कप राउंड रॉबिन फ़ॉर्मेट के आधार पर खेला जाएगा. सभी टीमें एक दूसरे से मैच खेलेंगी.

फिर शीर्ष चार टीमें नॉक आउट स्टेज़ और सेमी फ़ाइनल्स के लिए क्वालिफ़ाई करेंगी.


प्रमुख मुक़ाबले

13 अक्तूबर- ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ़्रीका- लखनऊ

15 अक्तूबर- भारत और पाकिस्तान- अहमदाबाद

20 अक्तूबर- पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया- बेंगलुरू

21 अक्तूब- इंग्लैंड और दक्षिण अफ़्रीका- मुंबई

22 अक्तूबर- भारत और न्यूज़ीलैंड- धर्मशाला

29 अक्तूबर- भारत और इंग्लैंड-लखनऊ

04 नवंबर- ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड- अहमदाबाद

12 नवंबर- पाकिस्तान और इंग्लैंड- कोलकाता

पहला सेमी फ़ाइनल- 15 नवंबर- मुंबई

दूसरा सेमी फ़ाइनल- 16 नवंबर- कोलकाता

फ़ाइल- 19 नवंबर- अहमदाबाद

G20 शिखर सम्मेलन स्थल पर 'लोकतंत्र की जननी' प्रदर्शनी होगी बेहद खास, ऋग्वेद और अथर्ववेद युग से है शुरू


वेद सिर्फ ग्रंथ नहीं हैं, बल्कि हमारी संस्कृति है। वेद तार्किक है, व्यवहारिक है और वेद यथार्थ भी है, जो आज दुनियाभर के लिए अनुसंधान का केंद्र बन चुके हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए G20 शिखर सम्मेलन स्थल पर ऋग्वेद और अथर्ववेद के युग से जुड़ी 'लोकतंत्र की जननी' प्रदर्शनी लगाई गई है। 

ज्ञात हो, G20 शिखर सम्मेलन स्थल पर 'लोकतंत्र की जननी' नामक प्रदर्शनी 26 इंटरैक्टिव पैनल के माध्यम से 20 देशों की लोकतांत्रिक प्रणाली में अंतर्दृष्टि प्रदान करने का महत्वपूर्ण कार्य करेगी, जो हिंदू धार्मिक ग्रंथों 'ऋग्वेद' और 'अथर्ववेद' के युग से शुरू होगी। 

क्या है प्रदर्शनी का उद्देश्य ?  

प्रदर्शनी का उद्देश्य कई देशों की लोकतंत्र व्यवस्था को दर्शाना है। इसके साथ इस प्रदर्शनी के माध्यम से सदियों से भारतीय समाज का एक अभिन्न अंग रहे लोकतंत्र को दर्शाना है। इसमें 26 इंटरैक्टिव पैनल होंगे जिसमें ऋग्वेद और अथर्ववेद और राजा अशोक के युग से शुरू होने वाली देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को दर्शाया गया है। 

भारतीय चुनावों को समर्पित होगा प्रदर्शनी का एक बड़ा हिस्सा

यह इस बात पर भी प्रकाश डालेगी कि भारतीय सिद्धांतों के अनुसार शासन करने का अधिकार वंशानुगत होने के बजाय योग्यता या आम सहमति के माध्यम से अर्जित किया जाता है। प्रदर्शनी का एक बड़ा हिस्सा भारतीय चुनावों को समर्पित होगा। यह भारत द्वारा गांव, जिला, राज्य और केंद्र स्तरों पर अपनाई गई बहुस्तरीय प्रशासनिक प्रणाली और हर आम चुनाव के माध्यम से सत्ता के हस्तांतरण में अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।

आगंतुकों का स्वागत करेगा एक एआई अवतार 

वहीं आगंतुकों के आगमन पर एक एआई अवतार द्वारा उनका स्वागत किया जाएगा, जो प्रदर्शनी का एक संक्षिप्त अवलोकन प्रदान करेगा और भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली के लंबे इतिहास और परंपरा का वर्णन करेगा। संस्कृति मंत्रालय के अनुसार प्रदर्शनी का एक प्रमुख आकर्षण सिंधु सरस्वती सभ्यता की एक लड़की की 5 फुट लंबी, 120 किलोग्राम कांस्य प्रतिकृति होगी, जो हॉल के केंद्र में एक ऊंचे पोडियम पर घूमेगी। 

भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के दृश्यों की मिलेगी झलक 

प्रदर्शनी में एक बड़ी वीडियो स्क्रीन भी होगी जिसमें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के दृश्यों को प्रदर्शित किया जाएगा। प्रदर्शनी की सामग्री, इसके ऑडियो सहित, 16 वैश्विक भाषाओं में प्रस्तुत की जाएगी जिससे यह विविध दर्शकों के लिए सुलभ हो जाएगा।

विशाखापत्तनम बंदरगाह के अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल का किया गया उद्घाटन 

विशाखापत्तनम बंदरगाह पर अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल का उद्घाटन 4 सितंबर को पर्यटन राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाईक, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, वीपीए अध्यक्ष डॉ. एम. अंगामुथु, आईएएस, एवं अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य लोगों की उपस्थिति में किया गया।

अंतर्राष्ट्रीय क्रूज़ टर्मिनल, जो अब परिचालन के लिए तैयार है, भारत के पूर्वी तट पर घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय क्रूज़ पर्यटन दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार के रूप में काम करेगा। यह विश्व स्तरीय सुविधा आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और स्थानीय समुदायों को लाभान्वित करते हुए पर्यटकों को एक परिवर्तनकारी अनुभव प्रदान करने का वादा करती है।

विशाखापत्तनम पोर्ट ट्रस्ट (वीपीटी) द्वारा प्रदान की गई कुल अनुमोदित परियोजना की लागत 77 करोड़ रूपये थी। इसमें से, पर्यटन मंत्रालय ने 50 प्रतिशत फंडिंग की प्रतिबद्धता जताई, जो कि 38.50 करोड़ रू के बराबर है, इसके अलावा शेष व्यय विशाखापत्तनम पोर्ट ट्रस्ट (वीपीटी) द्वारा अपने आंतरिक संसाधनों से पूरा किया जाना है।

उल्लेखनीय है कि पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत 38.50 करोड़ रू की फंडिंग में से 29.91 करोड़ रू की प्रभावशाली राशि, जो स्वीकृत फंडिंग का 77.6 प्रतिशत है, पहले ही जारी की जा चुकी है और विशाखापत्तनम पोर्ट ट्रस्ट (वीपीटी) द्वारा इसका पूरी तरह से उपयोग किया जा चुका है।

क्रूज़ टर्मिनल बिल्डिंग आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित है, जिसमें लाउंज, कस्टम्स, आव्रजन, संगरोध काउंटर, सामान प्रबंधन सुविधाएं, स्कैनिंग, कॉनकोर्स, रेस्तरां, मनोरंजन, खरीदारी, स्वास्थ्य और व्यापार प्रदर्शनियां, मनी एक्सचेंज आउटलेट, सीसीटीवी कवरेज और पर्याप्त पार्किंग स्थल आदि शामिल हैं।

क्रूज़ टर्मिनल की विशेषताएं:

180 मीटर लंबाई वाली बर्थ है।
चार मूरिंग डॉल्फ़िन है, प्रत्येक तरफ दो, कुल लंबाई 300 मीटर तक फैली हुई है।
2,000 वर्ग मीटर में फैला एक टर्मिनल भवन, जो सभी आवश्यक सुविधाओं से परिपूर्ण है।
सात बसों, 70 कारों और 40 दोपहिया वाहनों के लिए पर्याप्त पार्किंग हेतु स्थान।
आसान पहुंच की सुविधा के लिए उत्कृष्ट सड़क कनेक्टिविटी।
अंतर्राष्ट्रीय क्रूज़ टर्मिनल नवंबर से मार्च के महीनों के दौरान क्रूज़ टर्मिनल के रूप में काम करेगा, जो कि दुनिया भर के यात्रियों की जरूरतों को पूरा करेगा। इसके अलावा, अप्रैल से अक्टूबर के शेष महीनों के दौरान, बर्थ का उपयोग तटीय कार्गो संचालन के लिए किया जाएगा।

यह ऐतिहासिक परियोजना पर्यटन विकास, बुनियादी ढांचे के विकास और पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह पर्यटन मंत्रालय और बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के बीच सहयोगात्मक प्रयासों के प्रमाण के रूप में खड़ा है, जो भारत की पर्यटन क्षमता और आर्थिक समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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