मध्यप्रदेश पटवारी भर्ती:7 महीने चली जांच, 64 लोगों से पूछताछ, 70 पन्नों की रिपोर्ट, फिर दी क्लीन चिट

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मध्यप्रदेश पटवारी भर्ती:7 महीने चली जांच, 64 लोगों से पूछताछ, 70 पन्नों की रिपोर्ट, फिर दी क्लीन चिट

2 घंटे पहले
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मध्यप्रदेश एंप्लॉयीज सिलेक्शन बोर्ड (ESB) की पटवारी भर्ती परीक्षा को जांच आयोग ने क्लीन चिट दे दी है। यानी रिजल्ट में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं पाई गई। पिछले साल जब इस परीक्षा का रिजल्ट जारी हुआ था तो टॉप 10 कैंडिडेट में से 7 एक ही एग्जाम सेंटर के थे। इसके बाद से इस मामले ने तूल पकड़ा और परीक्षा में धांधली के आरोप लगे थे।

इस मामले की जांच रिटायर्ड जस्टिस राजेंद्र वर्मा ने की।
इस मामले की जांच रिटायर्ड जस्टिस राजेंद्र वर्मा ने की।

12 लाख कैंडिडेट्स ने किया था एप्लिकेशन

एंप्लॉयीज सेलेक्शन बोर्ड ने 22 नवंबर 2022 को पटवारी सहित ग्रेड 3 के 9200 पदों की संयुक्त भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। पिछले साल यह परीक्षा 15 मार्च से 26 अप्रैल के बीच 78 सेंटर पर आयोजित हुई थी। इस परीक्षा के लिए 12,07,963 कैंडिडेट्स ने एप्लिकेशन किया और 9,78,270 कैंडिडेट्स परीक्षा में शामिल हुए थे।

8,617 कैंडिडेट्स का सिलेक्शन

पटवारी भर्ती परीक्षा का रिजल्ट 30 जून, 2023 को जारी किया गया। फाइनल रिजल्ट में 8,617 कैंडिडेट्स की मेरिट लिस्ट जारी हुई। बाकी के रिजल्ट रोके गए थें।

रिजल्ट के बाद प्रदर्शन के दौरान हाथों में कुछ ऐसे पोस्टर लिए युवा नजर आए थें।
रिजल्ट के बाद प्रदर्शन के दौरान हाथों में कुछ ऐसे पोस्टर लिए युवा नजर आए थें।

परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप

रिजल्ट के जारी होने के साथ पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर कई गंभीर आरोप लगे। मेरिट लिस्ट के 10 में से 7 टॉपर का सेंटर एक ही कॉलेज (एनआरआई कॉलेज ) था। यह कॉलेज तत्कालीन भिंड विधायक और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष संजीव कुमार कुशवाहा का है। फिर '15 लाख रुपये की रिश्वत' की बात सामने आई थी। इसके बाद से इस वैकेंसी को होल्ड कर दिया गया था।

20 जुलाई को जांच का आदेश

पटवारी परीक्षा पर गड़बड़ी को लेकर राज्य में विरोध प्रदर्शन हुए। विधानसभा चुनाव नजदीक होने के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भर्ती प्रक्रिया रोक लगा दी और 20 जुलाई को जांच के आदेश दिए। इसके लिए एक जांच के लिए कमेटी बनाई गई।

जांच आयोग ने यह प्रक्रिया अपनाई

जानकारी के मुताबिक जस्टिस वर्मा विभिन्न सेंटर पर भी गए। आरोप लगाने वालों से भी उनका पक्ष जाना। लेकिन आरोप दायर करने वाले इस संबंध में पुख्ता सबूत नहीं दे पाए। वर्मा एनआरआई कॉलेज ग्वालियर में भी जांच की। ESB की परीक्षा प्रक्रिया को भी देखा गया कि कहीं इसके प्रोटोकॉल में तो कमी नहीं रह गई। इसमें सुरक्षा व्यवस्था में खामी तो नहीं पाई गई। लेकिन सिस्टम को रिमोट पर लिए जाने के संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं मिले।

30 जनवरी को सौंपी रिपोर्ट

एग्जाम रिजल्ट की जांच 7 महीने चली। यह 25 जुलाई, 2023 में शुरू हुई थी और 30 जनवरी, 2024 को शासन को सौंपी गई। रिपोर्ट तैयार करने के लिए 64 संबंधितों से पक्ष लिए गए थे। अब होल्ड किए गए ग्रुप-2 और सब ग्रुप-4 के रिजल्ट भी जल्द ही घोषित किए जाएंगे।

फरवरी में ही दिए जाएंगे जॉइनिंग लेटर

अब जांच कमेटी ने पटवारी परीक्षा को क्लीन चिट दे दी है। अब इसी महीने के अंत तक पटवारी भर्ती परीक्षा के सिलेक्टेड कैंडिडेट्स को जॉइनिंग लेटर दिए जाने की तैयारी है। जांच कमेटी ने MP सरकार को 30 जनवरी को करीब 70 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी।

अभी भी परीक्षा निरस्त करने की मांग

अब भी इस एग्जाम में शामिल हुए बहुतेरे कैंडिडेट्स इसे निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर कैंपेन चलाया जा रहा है। इन कैंडिडेट्स का आरोप है कि जो सिलेक्टेड कैंडिडेट्स हैं और मेरिट लिस्ट में आए हैं, वे मध्य प्रदेश के संबंध में बेसिक क्वेश्चन्स का आंसर नहीं दे पाए थे। उन्होंने पूरी परीक्षा पर ही सवाल खड़ा किए हैं।

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